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राहुल गांधी राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे दिल्ली


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नई दिल्ली – कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रतिष्ठित नेता इन्दिरा गांधी के पुत्र और जवाहरलाल नेहरू के दौहित्र राजीव गाँधी की आज 31 वी पुण्यतिथि हैं। उनकी पुण्यतिथि पर उनके बेटे और कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी उनके पिता को पुष्पांजलि अर्पित करने दिल्ली के वीर भूमि पे पहुंचे। और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

राजीव गाँधी को पहले से ही राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। परंतु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वो अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने। लेकिन 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के छठे प्रधानमंत्री बने।

राजीव गाँधी ने अपने राजनितीय कार्यकाल में भारत में कई बड़े बदलाव लाये। उन्हें भारत में सूचना क्रांति के जनक माने जाते हैं क्यूंकि देश के कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति उनके अथक प्रयत्नों के बाद भारत में आयी। इसके अलावा स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने और मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार भी उन्होंने दिलवाया।

राजीव गाँधी पर कई आरोप भी लगाए गए थे कि ” राजीव गांधी परिवार के नजदीकी बताये जाने वाले इतालवी व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोक्की ने बोफोर्स तोपों की खरीद का सौदा में बिचौलिये की भूमिका अदा की। जिसके बदले में उसे दलाली की रकम का बड़ा हिस्सा मिला। कुल चार सौ बोफोर्स तोपों की खरीद का सौदा 1.3 अरब डालर का था। आरोप है कि स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारत के साथ सौदे के लिए 1.42 करोड़ डालर की रिश्वत बांटी थी। ”

लेकिन चुनावों का प्रचार करते हुए 21 मई 1991 को ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम’ नामक आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों ने राजीव गांधी की एक बम विस्फ़ोट में हत्या कर दी।

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