नई दिल्ली – देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रोज हजारों मरीजों की मौतें हो रही हैं। अब कोविड-19 से पीड़ित मरीजों में फंगल इंफेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) पाया जा रहा है, जो काफी खतरनाक साबित हो रहा है। इसकी वजह से आंखों की रोशनी चले जाना और अभी तक ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, गुजरात में सामने आए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, ब्लैक फंगस मुख्यत: उन लोगों में यह संक्रमण पाया जा रहा है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं।
इसमें मृत्यु दर 50 फीसदी तक होती है। लगातार बढ़ते संकट के बीच एम्स द्वारा अब कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जो ब्लैक फंगस के पता लगाने और उसके इलाज के दौरान मदद कर सकती हैं।
ऐसे पहचाने ब्लैक फंगस को –
– नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना।
– नाक का बंद होना, सिर और आंख में दर्द, आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना।
– चेहरे का सुन्न हो जाना या झुनझुनी-सी महसूस होना।
– मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना।
– ऐसे लक्षणों का पता लगाने के लिए हर रोज़ खुद को चेक करें, अच्छी रोशनी में चेक करें ताकि चेहरे पर कोई असर हो तो दिख सके।
– दांतों का गिरना, मुंह के अंदर या आसपास सूजन होना।
ब्लैक फंगस होने पर क्या करें –
– किसी ENT डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, आंखों के एक्सपर्ट से संपर्क करें या किसी ऐसे डॉक्टर के संपर्क में जाएं जो ऐसे ही किसी मरीज़ का इलाज कर रहा हो।
– ट्रीटमेंट को हर रोज़ फॉलो करें। अगर डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें।
– कोई अन्य बीमारी हो तो उसकी दवाई लेते रहें और मॉनिटर करें।
– खुद ही स्टेरॉयड या किसी अन्य दवाई का सेवन ना करें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें।
– डॉक्टर की जरूरी सलाह पर MRI और CT स्कैन करवाएं। नाक-आंख की जांच भी जरूरी है।