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भारत

‘लेडी विद द लैंप’ फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में आज International Nurse Day


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नई दिल्ही – आज आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिन हैं जिसे पुरे देश में International Nurse Day के रूप में मनाया जाता हैं। 12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उच्च वर्गीय परिवार में जन्मीं फ्लोरेंस के घर वालों को ये बिल्कुल मंजूर नहीं था कि उनकी बेटी नर्स बने, क्योंकि उस वक्त नर्सिंग को सम्मानित पेशा नहीं माना जाता था।

फ्लोरेंस की जिद के आगे घर वालों को झुकना पड़ा और फ्लोरेंस को नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए जर्मनी जाने की इजाजत मिल गई। साल 1851 में वे जर्मनी गईं और 1853 में उन्होंने लंदन में महिलाओं के लिए अस्पताल खोला। अस्पताल में फ्लोरेंस ने गंदगी का पहाड़ देखा। उन्होंने सबसे पहले अपना ध्यान साफ-सफाई पर लगाया। उन्होंने घायल और बीमार सैनिकों की देखभाल में दिन-रात एक कर दिया। वे रात में भी सैनिकों की सेवा में लगी रहती थीं।

उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों के प्रबंधक और प्रशिक्षक के रूप में काम किया जिसमें उन्होंने कॉन्स्टेंटिनोपल में घायल सैनिकों की देखभाल की। नाइटिंगेल के इस काम को लोगो ने काफी सराया। उनके इस कार्य के बाद विशेषकर “द लेडी विद द लैंप” के व्यक्तित्व के रूप में जानी गयी जिसका मतलब रात में घायल सैनिकों के चक्कर लगाती हुई।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन पर कई बड़े राजनेताओंने देश में इस भयंकर माहमारी के दौरान रात-दिन न देखकर जिस तरह से लोगो की सेवा की उसके लिए सभी नर्सो का धन्यवाद किया। जिस तरह फ्लोरेंस ने घायल सैनिकों की मदद की उसी तरह नर्सो ने देश के covid19 से पीड़ित सभी मरीजों की सेवा की जो काफी सराहनीय हैं।

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