क्या आप जानते हैं टायर का रंग सिर्फ काला ही क्यों होता है?
नई दिल्ली – टायर का रंग काला ही होता है। लेकिन, ऐसा क्यों? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है। दरअसल पहली टायर 1895 में बनायी गयी थी तथा इसे रबर का बनाया गया था। रबर का असली रंग दूधिया सफेद होता है, जिस वजह से पहली टायर का रंग सफेद था। क्या हुआ कि अब यह सफेद रंग के टायर अब नहीं दिखाई देते है?
टायर का जो काला रंग देखते है वह कालिख की वजह से है। कालिख कॉटन के धागों से मिलकर टायर की उम्र लंबी करने के लिए जाना जाता है, इसे टायर में हीट को कम करने तथा स्थिरता को बढ़ाने के लिए डाला गया था। आजकल टायर के रंग के काला होने का कारण एक केमिकल कम्पाउंड ‘कार्बन ब्लैक’ है। इसे स्थिरता को बनाये रखने के लिए उपयोग किया जाता है, यह अन्य पॉलिमर से मिलकर टायर को जोड़े रखता है।
कार्बन ब्लैक को जब रबर के साथ मिलाया जाता है तो यह उसके मजबूती व उम्र को बढ़ा देता है। यह टायर के उन हिस्सों से हीट को खींचता है जो हिस्से गाड़ी चलाते समय गर्म हो जाते है। कार्बन टायर की क्वालिटी को बनाये रखता है तथा उन्हें यूवी लाइट व ओजोन से बचाएं रखता है। काले रंग के टायर सड़क पर बेहतर ग्रिप बनाने में मदद करते है। ऐसा नहीं कि अन्य रंग के टायर नहीं बनाये जा सकते है लेकिन वह इतने बेहतर व मजबूत नहीं होंगे।