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Good Friday : आज हैं गुड फ्राइडे, जानें क्या है इसका इतिहास और महत्व


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नई दिल्ली – आज गुड फ्राइडे है। आज का दिन प्रभु ईसा मसीह की याद में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे पर चर्च में विशेष प्रार्थाना सभाएं आयोजित की जाती हैं। पूरी दुनिया में इस पर्व को मनाया जाता है। इस पर्व को प्रभु यीशु के बलिदान के तौर पर भी याद किया जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले गुड फ्राइडे से 40 दिन पहले से ही विशेष तैयारियां आरंभ कर देते हैं। 40 दिन बाद गिरिजाघरों और चर्चों में प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया जाता है।

गुड फ्राइडे के अलावा इस दिन को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे नाम से भी जाना जाता हैं। आज के दिन प्रभु यीशु को को सूली में चढ़ाया गया था। जिसके कारण अनुयायी 40 दिन का उपवास रखते हैं और आज के दिन चर्च में जाकर अपने प्रार्थना करते हैं। जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है।

यीशु के 7 वचन –
प्रभु के हाथों व पैरों में कीलों को ठोका गया। क्रूस पर 6 घंटे लटकाया गया। इस दौरान प्रभु यीशु ने 7 वचन दिये।-पहला-हे पिता इन्हें क्षमाकर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं?-दूसरा- मैं तुझसे सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।-तीसरा-हे नारी देख ये तेरा पुत्र है तब उस चेले से कहा यह तेरी माता है।-चौथा-इलोई इलोई लमा शबक्तनी? हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?-पांचवां-मैं प्यासा हूं।-छठा-पूरा हुआ।-सातवां- हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।

बाइबिल के अनुसार प्रभु यीशु को शुक्रवार की सुबह नौ बजे क्रूस पर चढ़ाया गया और उसी दिन सूर्यास्त से पहले कब्र में रख दिया गया। उस समय प्रभु यीशु की आयु केवल 33 वर्ष की थी। जब प्रभु को क्रूस पर चढ़ाया गया तो उनके बांयी व दायीं ओर एक-एक डाकू भी क्रूस पर लटकाया गया और उनको भी मृत्युदंड दिया जा रहा था।

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