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पाकिस्तान में इमरान खान की कुर्सी लगी दाव पर, विपक्ष ने पेश किया अविश्वास का प्रस्ताव


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नई दिल्ली: विपक्ष ने अनियंत्रित मुद्रास्फीति के लिए इमरान खान की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। जिसके बाद विपक्ष ने पाक पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद पाक पीएम ने कहा कि देश की सेना उनके साथ है। उन्हें भरोसा है कि सरकार नहीं गिरेगी। उन्होंने कहा कि 2028 तक इस सरकार को कुछ नहीं होगा। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पह हस्ताक्षर किए । इस हस्ताक्षरित प्रस्ताव को नेशनल असेंबली सचिवालय को सौंपा गया है।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह फैसला हमने पाकिस्तान के लोगों के लिए लिया है, अपने लिए नहीं। इस दौरान उनके साथ पीएमएल-एन के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी भी थे। पाक में नियमानुसार, स्पीकर को सत्र बुलाने के लिए कम से कम 68 सासंदों के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तीन दिन से सात दिन का सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है। विपक्ष को प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को हटाने के लिए 342 सदस्यों में से 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है।

68 साल के इमरान खान पाकिस्तान में गठबंधन सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यदि उनके कुछ सहयोगी दल बदलने का निर्णय लेते हैं तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है। दल बदल करना लोकतंत्र में एक असामान्य बात है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पाक पीएम ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सेना के अपने साथ होने का दावा किया। इस दौरान इमरान खान ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए विपक्ष उनके सासंदों को 18 करोड़ रुपये देने का प्रलोभन दिया है। उन्होंने अपने सासंदों से इस पैसे को गरीबों में बांटने को कहा है।

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